जीवित कोरोना मरीज को ना मिली ऑक्सीजन, जान निकल गई तो शव को ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर सड़क पर छोड़ा

सुपौल जिले (Supaul District) से समाने आई एक तस्वीर ने कोरोना महामारी (Corona epidemic) के बीच बिहार (Bihar) की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं (Health systems) की पोल खोल दी है। जानकारी के अनुसार शनिवार को सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज (Triveniganj) बुनियादी केंद्र में बने कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) में एक कोरोना मरीज की ऑक्सीजन (Oxygen) के अभाव में तड़प-तड़प कर मौत (Corona patient Death) हो गई। मामले के बारे में एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब इस कोरोना मरीज को त्रिवेणीगंज बुनियादी केंद्र स्थित कोविड सेंटर में लाया गया था तो उस वक्त मरीज का ऑक्सीजन लेवल 34-35 था। हम लोगों ने भी उस वक्त अस्पताल में मौजूद मेडिकल स्टॉफ से कहा था कि इसको तुरंत ऑक्सीजन लगाएं। लेकिन मेडिकल स्टॉफ ने हमारी बातों को नहीं सुना। जब कोरोना मरीज की मौत हो गई। उसके बाद स्वास्थ्यकर्मी ने मरीज के शव को ऑक्सीजन लगाकर बीच सड़क पर छोड़ दिया गया।

मृतक के परिजनों के अनुसार जब मरीज की तबियत ज्यादा खराब हुई तो वो लोग कोरोना मरीज को अनुमंडलीय अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर उन्होंने अपने मरीज को कोविड केयर सेंटर में भर्ती करा दिया। जानकारी के अनुसार जब इस मरीज को कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया गया था। उस वक्त मरीज का ऑक्सीजन लेवल 65 था। उस वक्त अस्पताल में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था, उस समय अस्पताल में केवल नर्स ही मौजूद थीं। कुछ देरी के बाद अस्पताल में डॉक्टर पहुंचे तो उन्होंने मरीज की नाज़ुक हालत को देखते हुए उसे तुरंत रेफर कर दिया व रेफर करने के बाद उन्होंने बुनियादी केंद्र के सीढ़ी पर ही इस मरीज को तड़पते हुए छोड़ दिया। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि उस वक्त हम लोग एम्बुलेंस की मांग भी करते रहे व मरीज खुद ऑक्सीजन लगाने की बात कह रहा था। पर डॉक्टरों ने सभी की बात को अनसुना कर दिया गया। हमारी आंखों के सामने ही मरीज की ऑक्सीजन और एंबुलेंस की कमी के चलते मौत हो गई। शनिवार को 12 बजे मरीज को रेफर करने के बाद तकरीबन 4 घंटों से परिजन एंबुलेंस व ऑक्सीजन के लिए अस्पताल और अधिकारियों से मांग करते रहे। लेकिन अस्पताल में हमारी समस्या को को ना तो कोई सुनने वाला था और ना ही समझने वाला था। परिजन ने यह भी बताया है कि मरीज के भर्ती और डिस्चार्ज का समय भी अस्पताल रजिस्टर में बदल दिया गया है। मामले की जानकारी पर थाना अध्यक्ष संदीप कुमार सिंह और अपर अनुमंडल पदाधिकारी प्रमोद कुमार पहुंचे और मामले को शांत करने के प्रयास में लग गए। थाना अध्यक्ष संदीप कुमार सिंह ने पीड़ितों को भरोसा दिया कि मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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